नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः ।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ।।
(इस आत्माको शस्त्र काट नहीं सकते, आग जला नहीं सकती, जल गला नहीं सकता और वायु सूखा नहीं सकता. :-‘गीता’) Read Bairi Kangna 2 movie Review below.
द रूट्स ऑफ कोइन्सीडेन्स’ नामक पुस्तक में ‘आर्थर कोएस्लर’ ने लिखा है कि “इस (आत्मा व सूक्ष्मशरीर) माध्यम से ब्रह्माण्ड व्यापी अदृश्य चेतन-शक्तियां शरीरधारी मनुष्यों से संपर्क साधती है, उन्हें पूर्वाभास कराती है, मार्गदर्शन कराती है और संकट के समय मनोबल बढ़ाने वाली चेतना देती है।“

बैरी कंगना -2 का ट्रेलर यहाँ देखें 

वैसे तो वैज्ञानिक कहते हैं कि आत्मा जैसा कुछ नहीं होता, यह महज़ अंधविश्वास है. लेकिन आत्माओं पर शोध कर रहे वैज्ञानिक मार्टिन गार्डनर का कहना है कि “हर किसी को तो नहीं, लेकिन ये आत्माएं कुछ लोगों के साथ सम्पर्क जरूर साधती हैं। इनके पास कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो इंसानी शक्तियों से मिलकर सम्पर्क बनाती हैं।“ लेकिन क्या यह सच में कोई संयोग है? या ये आत्माएं ही हैं जो अपने होने का एहसास दिलाती हैं?



बैरी कंगना’

इस बात को कई तरीके से हिंदी सिनेमा में पेश किया गया लेकिन भोजपुरी में इस विषय पर पहली फिल्म ‘बैरी कंगना’ थी जो १९९२ बनी थी . निर्देशक राजू सिंह ने तत्कालीन सामाजिक कुप्रथाओं में से एक ‘दहेज़ प्रथा’ जो किसी न किसी रूप में अब भी व्याप्त है, को मूल में रखते हुए इस आत्मा के खेल को दिखलाया था. फिल्म के मुख्य किरदार थे कुनाल सिंह व मीरा माधुरी. लाजो ( मीरा माधुरी) जो दहेज़ के कारण अपने ससुराल वालों द्वारा मारी जाती है, की आत्मा अर्जुन (कुनाल सिंह) की दूसरी पत्नी में प्रवेश कर अपने ऊपर किये अत्याचार का बदला लेती है . फिल्म की पटकथा अपने आप में बहुत ही खूबसूरत थी जिसे कुनाल सिंह व मीरा ने और भी जीवंत कर दिया .

बैरी कंगना 2 [Bairi Kangna 2 movie Review ]

लगभग सोलह साल बाद निर्देशक अशोक त्रिपाठी अत्री ने इस फिल्म के सिक्वल पर ज़ोरदार मेहनत कर बनाया है बैरी कंगना-2.  अपने पहले भाग के तरह ही दो अभिनेत्री काजल रघ्वानीशुभी शर्मा  के प्रेम में हिचकोले खाते रवि किशन एक नए अवतार में नज़र आते है. अपने अभिनय की बारीकियो से ओत-प्रोत रवि अपने साथी थियेटर कलाकार अवधेश मिश्र  व उमेश सिंह के साथ और भी मंझे दिखते हैं.

रवि किशन की ‘सनकी दरोगा’ आज के सामाजिक परिदृश्य को दिखलाता है -रियल स्टोरी बेस्ड  

फिल्म के निर्देशक ने तथ्यों की गहराई को समझते हुए छोटी-से-छोटी बारीकियों पर पैनी नज़र रखा है. आधुनिक तकनिकी से लैस फिल्म बैरी कंगना-2 के सभी दृश्य मनभावक हैं. फिल्म का सबसे ज्यादा प्रभावित करनेवाला विषय है इसका छायांकन. हरेक दृश्य अपने आप में अलग है जिसको सार्थक बनाता है इसकी सरलता व एकरूपता. चाहे वो अवधेश मिश्र के रात में अघोरी के साथ बैठे हुए सीन हों या फिर उनके गंगा में तर्पण करते सुबह की बेला, अपने आप में खास है.

काजल राघवानी के हॉट कलेक्शन  – यहाँ देखें 

शुभी शर्मा की आने वाली फिल्मे – यहाँ देखें 

बरगद के नीचे शास्त्रों का अध्ययन कर रहे रवि को फिल्म में अपने पिता अवधेश मिश्र के द्वारा दिया कंगन वाला दृश्य थोड़ी मार्मिक ज़रूर है पर फिल्म के कई राज खोलती है.  शुभी शर्मा का ‘परकाया प्रवेश’ (आत्मा जो अमर है, एक शरीर धारण कर जन्म और मृत्यु के बीच नए जीवन का उपभोग करता है और पुन: शरीर के जीर्ण होने पर शरीर छोड़कर चली जाती है। आत्मा का यह जीवन चक्र तब तक चलता रहता है जब तक कि वह मुक्त नहीं हो जाती या उसे मोक्ष नहीं मिलता।) संवाद रोंगटे खड़े कर देता है और अगले ही दृश्य में निर्देशक ने शुभी के विकराल रूप को दिखाकर इसे और भी जीवंत किया है जिसपर रविकिशन  का अपने चेहरे पर गुलाल मलना चार-चाँद लगा देता है. The review is based on the movie-trailer.
पर जो भी हो फिल्म बैरी कंगना 2 में शुभी शर्मा,  काजल पर भारी पड़ते दिखती हैं. शायद यही फिल्म के पटकथा की डिमांड रही होगी लेकिन अवधेश मिश्र  हर-बार की तरह इस बार भी अपने अभिनय के चौके-छक्के मारते नज़र आते हैं वहीँ उमेश सिंह  ने भी अपने किरदार को बखूबी जिया है. फिल्म के पहले भाग के नायक रहे कुनाल सिंह भी कुछ एक दृश्य में पंडित की भूमिका में अपने संवाद को चबाते हुए नज़र आते हैं.

फिल्म बैरी कंगना के नए व पुराने गाने यहाँ सुने

अगर फिल्म के संगीत पक्ष की बात करें तो भोजपुरी इंडस्ट्री की सबसे सुरीले संगीतकार मधुकर आनंद  का दिया संगीत के कुछ गाने ‘दिल से बोलावेला त आ गयनी नियरे’ ‘सुलगे बदनिया ना’ एवं ‘घघरी के कगरी’ वाकई कर्णप्रिय है जिसमे भोजपुरिया माटी की मिठास टपकती है. ‘कैंची चाल’ आज के नौजवानों के लिए खासा तैयार किया गया गाना है. इंदु सोनाली  के गाये आइटम गाना ‘मेरे सामने वो आके’ आनेवाली फिल्मो के निर्देशकों के लिए एक सीख है जहां भोजपुरिया फिल्मकार फूहड़पन को फिल्म का अभिन्न अंग मानते रहे वहीँ हरियाणवी कलाकार सपना चौधरी  बिना अपना बदन दिखाए इसे आकर्षक बनाती हैं.

मधुकर आनंद की नयी म्यूजिकल फिल्म – राधे रंगीला के गाने 

फिल्म बैरी कंगना-2  में दर्शको के मनोरंजन के लिए वो सबकुछ है जो एक अच्छे फिल्म की आवश्यकता है जहाँ दर्शक अपने रोजमर्रा की ऊबाऊ जिंदगी से कुछ समय के लिए मुक्त होकर कल्पना की उड़ान भरता है, आल्हादित होता है व एक नयी सीख के साथ सुकून की सांस लिए घर लौटता है.

The Bhojpuri Films team wishes good luck to BAIRI KANGNA-2 and rates with 8.5 * out of 10.

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