फूहड़पन व अश्लीलता का दंश झेल रहे भोजपुरी सिनेमा जिसका एक गौरवशाली अतीत रहा है पुनः उसी राह पर निकल पडा है जिसकी आधुनिक समाज कई वर्षों से प्रतीक्षा में था. निरहुआ की बॉर्डर, खेसारी की डमरू, पवन सिंह की मां तुझे सलाम, वांटेड व खुद रवि किशन की बैरी कंगना ने भोजपुरी सिनेमा को एक नयी दिशा दी .कई मायनों में यह साल भोजपुरी फिल्मो के लिए एक माइलस्टोन साबित होनेवाला है. साल २०१८ में एहसास होता है की भोजपुरी सिनेमा अपने बाल्यकाल से निकल यौवान्वास्था में प्रवेश कर रहा है. कहते हैं सिनेमा समाज का दर्पण होता है, ऐसे समय में जब फिल्मकार उस समाज के उसकी कुरीतियाँ एवं उसके घिनौनेपन से रू-ब-रू ना कराये तबतक फिल्म व फिल्मकार की सार्थकता नहीं होती. इस लिहाज से निर्देशक सैफ किदवई की आगामी फिल्म ‘सनकी दरोगा’ काबिले तारीफ है. अगर यूं कहें की सनकी दरोगा केवल एक फिल्म नहीं वरन एक मुहीम है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. Read Below Sanki Daroga movie review & ratings .
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सनकी दरोगा के गाने आज होई चुमम चुमन्तु – यहाँ सुने
सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म ‘सनकी दरोगा’ एक एक्शन फिल्म है जो औरतों, लड़कियों एवं बच्चियों पर हो रहे अमानवीय घटनाओं का एक निचोड़ है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के २०१६ के एक आंकड़े के अनुसार देश में प्रतिदिन १०६ बलात्कार होते है जहां जिसमे की दस में से चार एक माइनर (१८ से कम उम्र के) है. अखबार दी-क्विंट के अनुसार चार रेप केसों में से केवल एक पर ही फैसला आता है अर्थात सजा का प्रतिशत २५% मात्र है जो हमें सबसे ज्यादा चकित करता है. पर आखिर बलात्कार होते क्यूँ हैं, इसके पीछे कौन सी मानसिकता काम करती है ,यह हमें जानने की ज़रूरत है जो फिल्म ‘सनकी-दरोगा’ कुछ हद तक बयान करती हैं, कुछ शब्दों से तो कुछ दृश्यों के माध्यम से. और इस फिल्म के कई दृश्य आपको अवाक कर देती है अपनी फिल्मांकन से. सत्य घटनाओं पर आधारित फिल्म ‘सनकी दरोगा’ की सिनेमेटोग्राफी काफी उम्दा है जिसे तैयार किया है संजय सुहाना ने.
फिल्म सनकी दरोगा का ट्रेलर- यहाँ देखे
जी म्यूजिक भोजपुरी के ऑफिसियल युट्यूब चैनल पर प्रसारित फिल्म ‘सनकी दरोगा’ का ट्रेलर संस्कृत के एक महत्वपूर्ण श्लोक के साथ शुरू होता है ..
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्रफला: क्रिया।
अर्थात ‘जहां स्त्रियों का सम्मान होता है, वहां देवी-देवता निवास करते हैं। जिन घरों में स्त्रियों का अपमान होता है, वहां पूजा करने के बाद भी इश्वर निवास नहीं करते हैं। भगवान की कृपा के बिना घर में हमेशा ही गरीबी रहती है। गरीबी को दूर रखने के लिए स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए।‘ वही दूसरी ओर स्त्रियों की रक्षा के सम्बन्ध में शास्त्र कहता है:
पिता रक्षति कौमारे भर्ता रक्षति यौवने।
रक्षन्ति स्थविरे पुत्रा न स्त्री स्वातन्त्रमर्हति ||
यानि की, बचपन में स्त्री की रक्षा की जिम्मेदारी उसके पिता की होती है। जब स्त्री का विवाह हो जाता है तो उसकी रक्षा की पूरी जिम्मेदारी उसके पति की होती है। बुढ़ापे में स्त्री की संतानों को ही उसकी रक्षा करनी चाहिए। जिन घरों में इस बात का ध्यान रखा जाता है, वहां नारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है और घर का मान-सम्मान बना रहता है।
SANKI DAROGA Movie Review and Ratings
रघुराज प्रताप सिंह (रवि किशन) उर्फ़ सनकी दरोगा एक पुलिस ऑफिसर हैं जो बलात्कारियों से सख्त नफरत करते हैं और समाज से ऐसे हवसी-दरिंदो को चुन-चुनकर उसका सफाया करते है. इस संकल्पित खौफनाक इरादों से इलाके को दहलाने वाला दरोगा के सामने कई बाधाएं व चुनौतियां आती है पर क्या इन सबका सामना रघुराज प्रताप सिंह कर पायेगा ? क्या एक जिम्मेदार पति व और एक खुशहाल परिवार होने के बावजूद दरोगा अपनी इरादों पर कायम रह पायेगा या ये सब महज़ एक पुलिसिया स्टंट है ? यह तो इस माह के ७ सितम्बर को जब फिल्म सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी तभी पता चलेगा ..
रवि किशन की फिल्म ’बैरी कंगना’ का रिव्यु
इस फिल्म की सबसे ख़ास बात है की फिल्म की कहानी खुद रवि किशन ने लिखी है जो शायद भोजपुरी सिनेमा की एक खूबसूरत आयतों में से एक हो सकती है. बतौर निर्माता व अभिनेता रवि किशन की यह इन-हाउस प्रोडक्शन है. अभिनय के बादशाह रवि किशन को एक बार फिर से भोजपुरिया दर्शक उसी रूप में नज़र आयेंगे जिस रूप के लिए उन्हें पहचान मिली. इस सनकपन के अलावा फिल्म ‘सनकी-दरोगा’ में एक बेजोड़ प्यार का संगम भी है जो कौम और जात-पात से ऊपर उठकर है. फिल्म की अभिनेत्री अंजना सिंह ने एक मुस्लिम लड़की का शानदार अभिनय किया है.
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अगर फिल्म के संगीत पक्ष की बात करें तो फिल्म ‘सनकी –दरोगा’ के गाने ज्यादा प्रभावित नहीं करते कुछ जगहों पर तो ऐसा प्रतीत होता है की गानों को बेवजह ठूसा गया है. सनकी दरोगा के गानों को लिखा है श्याम देहाती, संजीत और जेमी सय्यद ने. फिल्म में तीन संगीतकार है श्याम देहाती, धीरज सेन व प्रदीप पाण्डेय , पर तीनो मिलकर भी फिल्म का संगीत पक्ष मज़बूत नहीं कर पाते . फिल्म के कई दृश्य मार्मिक करते हैं लेकिन कुछ इरोटिकनेस के गलियारे से बाहर नहीं निकल पाते. फिल्म की पटकथा जिस प्रकार से रची गयी है यदि भोजपुरी के साथ और किसी क्षेत्रीय भाषा में इस फिल्म को डब किया जाता तो बात और दूर तक पहुँचती और फिल्म अच्छी खासी- कमाई भी करती. भोजपुरी फिल्म्स टीम ‘ सनकी दरोगा’ से जुड़े कलाकारों को शुभकामना के साथ फिल्म की अग्रिम बधाई देती है.
भोजपुरी फिल्म्स टीम फिल्म सनकी दरोगा को (निर्देशन-०.८, लेखन ०.८, संगीत ०.५, छायांकन ०.७, तकनिकी ०.७) 5* में से 3.5* देती है.
जब देश में बलात्कार व बलात्कारियो पर गहमा-गहमी बहस छिड़ी हो तो ऐसे समय में इस तरह की फिल्मे बनाना आसान नहीं होता फिर भी रवि किशन व सैफ किदवई की जोड़ी व उनके विचार एवं सामाजिक सरोकार प्रशंसनीय है.
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